मुहावरे एंव लोकोक्तियाँ
आपसी बोलचाल में वाक्यांश को अत्यधिक रोचक बनाने के लिए मुहावरों का प्रयोग किया जाता है। इससे वाक्य के सौन्दर्य में वृद्धि होती है। मुहावरा अरबी भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ है अभ्यास करना। मुहावरा वह वाक्यांश है जो अपने शाब्दिक अर्थों से भिन्न लोकाभ्यास के रूप में किसी विशिष्ट सन्दर्भ में होकर प्रयोग किया जाने लगता है।
मुहबरा ऐसा वाक्यांश है, जो अपने साधारण अर्थ को छोड़कर किसी विशेष अर्थ को व्यक्त करता है। मुहावरों का काम बात को इतनी खूबसूरती से कहना है कि सुनने वाला उसे समझ भी जाए और उसका उस पर यथासम्भव प्रभाव भी पड़े।
मुहावरा
ऐसा कथन जो सामान्य अर्थ प्रकट न करके विशेष अर्थ प्रकट करता है, मुहावरा कहलाता है।
मुहावरे की विशेषताएँ
- मुहावरे के मूल रूप में परिवर्तन नहीं होता जैसे ‘आग बबूला होना’ के लिए अग्नि बबूला होना नहीं लिखा जा सकता या ‘आँखे चुराना’ के लिए लोचन चुराना नहीं लिखा जा सकता।
- मुहावरों का सीधा अर्थ न लेकर सांकेतिक अर्थ ही ग्रहण किया जाता है।
- मुहावरों का प्रयोग स्वतंत्र वाक्य के रूप में न होकर यल्कि वाक्यांश के रूप में किया जाता है।
- मुहावरों का प्रयोग प्रसंग के अनुसार किया जाता है।
- मुहावरों का सम्बन्ध हमारी दैनिक चर्चा या शरीर के अंगों पर निर्भर करता है।
- मुहावरे तथा लोकोक्तियाँ हमारे कथन को और अधिक रोचक बना देते हैं।
लोकोक्ति
लोक और उक्ति के मेल से लोकोक्ति शब्द बना है इसका अर्थ है लोगों में प्रचलित उक्ति या कथन। यह लोगों के व्यक्तिगत अनुभव का परिणाम होती है।
लोकोक्ति से आशय लोक में प्रचलित उस कथन अथवा उक्ति से है जो व्यापक एक अनुभव पर आधारित हो। लोकोक्ति जन-समाज के द्वारा प्रयोग में लाये । जाने वाला परम्परागत कथन होता है। इसे साधारण बोलचाल की भाषा मे बसवत भी कहा जाता है। लोकोक्ति किसी प्रासंगिक घटना पर आधारित होती है। लोक अनुभवों को एक ही वाक्य में व्यक्त कर दिया जाता है। इस प्रकार ऐस कथन अथवा उक्ति जो अपने विशिष्ट अर्थ के आधार पर संक्षेप में हैं। किसी सच्चाई को प्रकट कर सके, लोकोक्ति अथवा कहावत कही जाती है।
लोकोक्ति वाक्य है और मुहावरा एक वाक्यांश। मुहावरे का प्रयोग कभी वाक्य के आरभ में, कभी बीच में और कभी अंत में किया जाता है जबकि लोकोक्ति एक सम्पूर्ण अर्थगर्मित वाक्य है, जिसमें लोक-जीवन के किसी सतीश की मार्मिक अभिव्यक्ति होती है। लोकोक्ति का प्रयोग यथारूप में ही किया जाता है, कहावत प्रसंगानुसार अभिधा, लक्षणा और व्यंजना तीनों द्वारा ही व्यक्त होती है। मुहावरों का प्रयोग भाषा में सजीवता लाने के लिये किया जाता है। यदि इसे वाक्य से निकाल दिया जाये तो वाक्य निर्जीव जैसा हो जाता है। भाषा की समृद्धि और उसकी अभिव्यक्ति और क्षमता के विकास के लिये मुहावरों एवं कहावतों का प्रयोग उपयोगी होता है।
मुहावरे और लोकोक्तियाँ
अण्डा सेना | घर में बैठकर अपना समय नष्ट करना | |||
अँगूठा दिखाना | इन्कार करना | |||
अन्धे के हाथ बटेर लगना | अनायास ही मिलना | |||
अत्र-जल उठना | किसी स्थान से सम्बन्ध टूटना | |||
अक्ल के अंधे | मूर्ख, बुद्धिहीन | |||
अंग-अंग ढीला पड़ना | बहुत थक जाना | |||
अंकुश लगाना | रोक लगाना | |||
अंक में समेटना | गोद में लेना | |||
अंग बन जाना | सदस्य बनना | |||
अक्ल पर पत्थर पड़ना | बुद्धि भ्रष्ट होना | |||
अपना सा मुँह लेकर रह जाना | शर्मिदा होना, लज्जित होना | |||
अपनी गली में कुत्ते का शेर होना | अपने घर के बादशाह होना | |||
अटका बनिया देय उधार | मजबूर व्यक्ति द्वारा अनचाहा कार्य करना | |||
अक्ल पर पत्थर पड़ना | कुछ समझ में न आना | |||
अक्ल के पीछे लट्ठ लिये फिरना | मूर्खतापूर्ण कार्य करना | |||
अपनी खिचड़ी अलग पकाना | अलग-थलग रहना, किसी की न मानना | |||
अपना उल्लू सीधा करना | स्वार्थ सिद्ध करना | |||
अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनना | आत्मप्रशंसा करना | |||
अक्ल के घोड़े दौड़ाना | केवल कल्पनायें करते रहना | |||
अंधेरे घर का उजाला | इकलौता बेटा | |||
अरण्य रोदन | व्यर्थ प्रयास | |||
अड़ियल टट्टू | जिद्दी | |||
अँगारे उगलना | क्रोध में लाल-पीला होना | |||
अंगारों पर चलना | स्वयं को खतरे में डालना | |||
अन्धे के आगे रोना | व्यर्थ प्रयत्न करना | |||
कान खाना | निरन्तर बातें करके परेशान करना | |||
कान पर जूं न रेंगना | बार-बार कहने पर भी प्रभाव न होना | |||
कान भरना | चुगली करना | |||
काया पलट देना | स्वरूप में परिवर्तन कर देना | |||
काला अक्षर भैंस बराबर | बिल्कुल अनपढ | |||
कीचड़ उछालना | लांछन लगाना | |||
कुएँ में बाँस डालना | बहुत तलाश करना | |||
कुत्ते की मौत मरना | बुरी तरह मरना | |||
कूप-मण्डूक होना | संकुचित विचार वाला होना | |||
कोल्हू का बैल | अत्यन्त परिश्रमी | |||
कोढ़ में खाज होना | एक दुःख पर दूसरा दुख होना | |||
कलम का धनी | अच्छा लेखक | |||
काम तमाम करना | मार डालना | |||
किरकिरा होना | विघ्न पड़ना | |||
किस्मत फूटना | बुरे दिन आना | |||
खून का पूँट पीना | बुरी लगने वाली बात सह लेना | |||
खेत रहना | युद्ध में मारा जाना, शहीद होना | |||
खूंटे के बल कूदना | सहारा पाकर अकड़ना | |||
खुले हाथ | उदारतापूर्वक | |||
खून खौलना | गुस्सा आना | |||
खोपड़ी को मान जाना | बुद्धि का लोहा मानना | |||
खेल-खेल में | आसानी से | |||
खाला का घर | बहुत सरल कार्य | |||
खिचड़ी पकाना | गुप्त मत्तरणा करना | |||
ख्याली पुलाव पकाना | हवाई किले बनाना | |||
खाल उधेड़ना | कड़ा दण्ड देना | |||
खून सवार होना | किसी को मार डालने के लिये उद्यत होना | |||
खून पीना | तंग करना | |||
खाक छानना | व्यर्थ मारे फिरना | |||
खरी-खोटी सुनाना | फटकारना | |||
खाक में मिलाना | नष्ट करना | |||
खून का प्यासा होना | जानी दुश्मन होना | |||
खून सूख जाना | भयभीत होना | |||
खून सफेद होना | उत्साह का समाप्त हो जाना, बहुत डर जाना | |||
खून-पसीना एक करना | कठोर परिश्रम करना | |||
खेल खिलाना | प्रतिपक्षी को समय देना | |||
गडे मुर्द उखाड़ना | बहुत पुरानी बात दोहराना | |||
गागर में सागर भरना | थोड़े शब्दों में अधिक कहना | |||
गुस्सा नाक पर रहना | जल्दी नाराज होना | |||
गाठ बाँधना | बैर रखना | |||
गुदड़ी का लाल | सुविधा न मिलने पर भी तरक्की करना | |||
गोबर गणेश | बेवकूफ | |||
गाल फुलाना | रूठ जाना | |||
गीदड़ भभकी | दिखावटी नाराजगी | |||
गरजने वाले बरसते नहीं | कहने वाले करते नहीं | |||
गोल कर जाना | गायब कर देना | |||
गढ़ जीतना | कठिन कार्य पूरा होना | |||
गुस्सा पी जाना | क्रोध रोकना | |||
गर्दन उठाना | विरोध करना | |||
गर्दन पर सवार होना | पीछा न छोड़ना | |||
गर्दन पर छुरी फेरना | अत्याचार करना | |||
गजभर की छाती होना | उत्साहित होना | |||
गुड़ गोबर करना | काम बिगाड़ना | |||
घर का दीपक | घर की शोभा और कुल की कीर्ति को बढ़ाने वा | |||
घर की खेती | सहज में मिलने वाला पदार्थ | |||
घर फूँक तमाशा देखना | क्षणिक आनन्द के लिये बहुत अधिक खर्च करना | |||
घाट-घाट का पानी पीना | अनेक स्थलों का अच्छा-बुरा अनुभव करना/ चालाक होना | |||
घाव पर नमक छिड़कना | दुःखी व्यक्ति के हृदय को और दुख पहुचना | |||
घाव हरा होना | भूले दुःख को याद आना | |||
घी के दीये जलाना | खुशी मनाना | |||
घोड़े बेचकर सोना | निश्चिन्त होना | |||
घर में गंगा बहना | अच्छी चीज पास में ही मिल जाना | |||
घिग्घी बँधना | स्पष्ट बोल न सकना | |||
घोड़े पर चढ़े आना | उतावली में होना | |||
घट में बसना | मन में बसना | |||
घड़ी में तोला घड़ी में माशा | किसी बात का निर्णय स्थिरतापूर्वक न कर पाना | |||
घास खोदना | व्यर्थ समय बिताना | |||
घर का न घाट का | कहीं का न रहना | |||
घी खिचड़ी होना | खुब मिलजुल जाना | |||
तिल का ताड़ करना | छोटी-सी बात को बड़ी बनाना | |||
तीन-पाँच करना | बहाना बनाना, इधर-उधर की बात करना | |||
तकदीर फूट जाना | भाग्यहीन होना | |||
थूककर चाटना | त्यक्त वस्तु को पुनः ग्रहण करना | |||
थाह लेना | किसी गुप्त बात का भेद जानना | |||
दंग रह जाना | आश्चर्यचकित होना | |||
दाँत खट्टे करना | हरा देना | |||
दाँत पीसकर रह जाना | क्रोध रोक लेना | |||
दिन दूनी रात चौगुनी होना | बहुत शीघ्र उन्नति करना | |||
दाल में काला होना | संदेह होना | |||
दाँत काटी रोटी | घनिष्ठ मित्रता | |||
दिल का गुबार निकालना | मन की बात कह देना | |||
दो दिन का मेहमान | जल्दी मरने वाला | |||
दिमाग खाना | बकवास करना | |||
दिल बढ़ाना | साहस भरना | |||
दिल टूटना | साहस टूटना | |||
दुकान बढ़ाना | दुकान बंद करना | |||
दूध का दूध पानी का पानी | निष्पक्ष न्याय | |||
दिल दरिया होना | उदार होना | |||
दुम दबाकर भागना | चुपचाप भागना | |||
दिन में तारे दिखाई देना | बुरी हालत होना | |||
दो कौड़ी का आदमी | नालायक | |||
दाँतों तले उँगली दबाना | आश्चर्यचकित होना | |||
थाली का बैंगन होना | पक्ष बदलते रहना | |||
दिन-रात एक करना | चौबीसों घण्टे किसी काम में लगे रहना | |||
दो नाव पर पैर रखना | दुविधापूर्ण स्थिति होना | |||
दम भरना | दावा करना | |||
दाहिना हाथ | महत्वपूर्ण संबल | |||
दूध के दाँत न टूटना | ज्ञान व अनुभव न होना | |||
धूप में बाल सफेद होना | अनुभवहीन होना | |||
मोटा आसामी | मालदार आसामी | |||
मिट्टी में मिलना | नष्ट होना | |||
मन खट्टा होना | मन फिर जाना | |||
मन मैला करना | खिन्न होना | |||
मुँह की खाना | अपमानित होना | |||
मीन मेख निकालना | त्रुटि निकालना | |||
मुँह में पानी आना | लालच भरी दृष्टि से देखना | |||
मिट्टी का माधो | मूर्ख | |||
मोहर लगा देना | पुष्टि करना | |||
मुँह बनाना | खीझ प्रकट करना | |||
मन मोदक चलाना | कल्पित बात पर प्रसन्न होना | |||
मुँह काला करना | कलंकित करना | |||
मैदान मारना | विजय प्राप्त करना | |||
मक्खी मारना | बेकार बैठे रहना | |||
मुँह पकड़ना | बोलने न देना | |||
रफूचक्कर होना | भाग जाना | |||
राई का पहाड़ बनाना | बढ़ा-चढ़ाकर कहना | |||
रातों की नींद हराम होना | चिन्ता, भय, दुख, आदि के कारण रातभर नींद न आना | |||
रसातल में जाना | समाप्त हो जाना | |||
रोड़ा अटकाना | बाधा डालना | |||
रोटिया तोड़ना | बैठे-बैठे खाना | |||
रास्ते का काँटा बनना | मार्ग में बाधा डालना | |||
रीढ़ टूटना | आधारहीन रहना | |||
रंग बदलना | बदलाव होना | |||
रोंगटे खड़े होना | भय से रोमांचित हो जाना | |||
रास्ते पर लाना | सुधार करना | |||
रो-धोकर दिन काटना | जैसे-तैसे जीवन व्यतीत करना | |||
रंग में भंग होना | खुशी के अवसर पर बुरा होने से खुशी का दुःख में बदल जाना | |||
रास्ता नापना | चले जाना | |||
रंग जमाना | धाक जमाना | |||
लंगोटी बिकवाना | दरिद्र कर देना | |||
लकीर का फकीर होना | रुदिवादी होना | |||
लेने के देने पड़ना | लाभ के बदले हानि | |||
लोहे के चने चबाना | कठिनाइयों का सामना करना | |||
लौ लगाना | प्रेम में मग्न हो जाना/आसक्त हो जाना | |||
लोहा मानना | बड़प्पन स्वीकार करना | |||
लहू का घूँट पीना | बहुत बर्दाश्त करना | |||
मुट्ठी में करना | वश में करना | |||
सिर पर चढ़ना | सदा स्मरण रहना | |||
सिर गंजा करना | बुरी तरह पीटना | |||
सिर पर पाँव रखकर भागना | तुरन्त भाग जाना | |||
साँप छछूँदर की गति होना | असमंजस की दशा होना | |||
समझ पर पत्थर पड़ना | विवेक खो देना | |||
साँच को आँच नहीं | सच बोलने वाले को किसी का भय नहीं है। | |||
सीधे मुँह बात न करना | अकड़कर बोलना | |||
सौ बात की एक बात | सार तत्व | |||
हाथ मलना | अपनी विवशता व्यक्त करना | |||
हाँ में हाँ मिलाना | चापलूसी करना | |||
हाथ धोकर पीछे पड़ना | पीछा न छोड़ना | |||
हाथ के तोते उड़ना | अचानक किसी अनिष्ट के कारण स्तब्ध रह जाना | |||
हाथों हाथ बिक जाना | जल्दी बिक जाना | |||
हाथ-पाँव फूलना | भय से घबरा जाना | |||
हाथ पीले करना | विवाह करना | |||
हाथ को हाथ नहीं सूझना | बहुत अँधेरा होना | |||
हाथ मलते रह जाना | पश्चाताप होना | |||
होश ठिकाने होना | अक्ल ठिकाने होना | |||
हथियार डालना | हार मान लेना | |||
होश उड़ जाना | घबरा जाना | |||
हाथ पाँव मारना | प्रयास करना | |||
हाथ पर हाथ रखकर बैठना | खाली बैठना | |||
हाथ धो बैठना | खो बैठना | |||
हवाई किले बनाना | बड़े-बड़े ख्वाब देखना | |||
हवा हो जाना | भाग जाना | |||
हाथ साफ कर जाना | चुरा लेना | |||
हवा का रुख पहचानना | परिस्थिति को भापना | |||
हथेली पर सरसों बोना | थोड़े समय में कठिन काम करना | |||
हाथ फैलाना | किसी से कोई वस्तु माँगना | |||
हवा लगना | बुरी संगति का प्रभाव होना | |||
हक्काबक्का रह जाना | हैरान रह जाना | |||
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