लिंग किसे कहते हैं ?
संज्ञा के जिस रूप से पुरुष या स्त्री तत्व का बोध हो उसे लिंग कहते है।
हिन्दी में दो लिंग होते है-
(क) पुल्लिंग
(ख) स्त्रीलिंग
(क) पुल्लिंग- जिन शब्दों में आकारान्त शब्द हो उसे पुल्लिंग कहते है:
जैसे- मटका, कपड़ा, घोड़ा आदि
- आ, आव, आपा, पन, पा आदि प्रत्यय जुड़े शब्द पुल्लिंग होते है,
जैसे- मोटापा, बुढ़ापा
- पर्वतों के नाम – अरावली, हिमालय, कैलाश
- मासों के नाम – चैत्र, आषाढ़, मार्च, अप्रैल
- ग्रहों के नाम – तारा, ध्रुव, शनि, चन्द्र
(ख) स्त्रीलिंग- शब्द के जिस रूप से किसी प्राणी या वास्तु के स्त्री जाति का होने का बोध होता है, उसे स्त्रीलिंग कहते है, जैसे- सीता, गीता, रीता, सरिता, कविता आदि
- ईकारांत शब्द स्त्रीलिंग होते है: जैसे- उदासी, चिट्ठी, खट्टी
- नदियों के नाम- गंगा, यमुना, कावेरी, गोदावरी
- तिथियों के नाम- प्रथम, द्वितीय, तृतीय, चतुर्थी,पंचमी
- भाषाओँ के नाम- गुजरती, मराठी, अंग्रेजी, मद्रासी
- आई, ता, आवट आदि प्रत्तय वाली भाववाचक संज्ञाएँ स्त्रीलिंग होती है; जैसे- खटाई, मिठास, लिखावट, नीचता, चुभन, कृति आदि
पुल्लिंग से स्त्रीलिंग बनाने के नियम
- सम्बन्धवाचक तथा प्राणीवाचक आकारान्त पुल्लिंग संज्ञाओ के अन्त में ‘ई’ लगाकर अथवा अ या आ के स्थान प्र ‘ई’ कर देने से स्त्रीलिंग पद बन जाते है।
सबंधवाचक शब्द
पुल्लिंग | स्त्रीलिंग |
चाचा | चाची |
मामा | मामी |
काका | काकी |
साला | साली |
प्राणीवाचक शब्द
पुल्लिंग | स्त्रीलिंग |
पुत्र | पुत्री |
नट | नटी |
दास | दासी |
बकरा | बकरी |
- कुछ आकारान्त पुल्लिंग संज्ञाओं के अन्त में ‘इया’ लगा देने से स्त्रीलिंग पद बन जाते है।
जैसे-
बुढा | बुढियां |
बेटा | बिटिया |
कुत्ता | कुत्तिया |
चूहा | चुहिया |
- कुछ प्राणीवाचक संज्ञाओं के अन्त में ‘इन’ लगा देने से स्त्रीलिंग पद बन जाते है।
जैसे-
साँप | साँपिन |
बाघ | बाघिन |
नाग | नागिन |
नाती | नातिन |
- किसी व्यवसाय अथवा पेशे का बोध करने वाली पुल्लिंग संज्ञाओं के अन्त में ‘इन’ लगा देने से स्त्रीलिंग पद बन जाते है।
जैसे-
माली | मलिन |
नाई | नाईन |
चमार | चमारिन |
लुहार | लुहारिन |
- कुछ प्राणीवाचक पुल्लिंग संज्ञाओं के अन्त में ‘नी’ जोड़ देने से स्त्रीलिंग पद बन जाते है।
जैसे-
सिंह | सिंहनी |
शेर | शेरनी |
ऊंट | ऊंटनी |
मोर | मोरनी |
- कुछ पुल्लिंग संज्ञाओं के अन्त में ‘आनी’ जोड़ देने से स्त्रीलिंग पद बन जाते है।
जैसे-
सेठ | सेठानी |
चौधरी | चोधरानी |
देवर | देवरानी |
नौकर | नौकरानी |
- कुछ पुल्लिंग संज्ञाओं के अन्त में ‘आइन’ जोड़ देने से स्त्रीलिंग पद बन जाते है।
जैसे-
पंडित | पंडिताइन |
ठाकुर | ठकुराइन |
चौधरी | चोधराइन |
- कुछ पुल्लिंग संज्ञाओं के स्त्रीलिंग पद पूर्णतया भिन्न होते है।
जैसे-
पुरुष | स्त्री |
मर्द | औरत |
पिता | माता |
बाप | माँ |
- कुछ पुल्लिंग संज्ञाओं के पहले ‘मादा’ लगाकर स्त्रीलिंग पद बन जाते है।
जैसे-
भालू | मादा भालू |
भेड़ीया | मादा भेड़ीया |
खरगोश | मादा खरगोश |
- कुछ स्त्रीलिंग संज्ञाओं के पहले ‘नर’ लगाकर पुल्लिंग पद भी बनाये जाते है।
जैसे-
मछली | नर मछली |
छिपकली | नर छिपकली |
चील | नर चील |
- कुछ स्त्रीलिंग संज्ञाओं के आगे ‘आ’ जोड़कर भी पुल्लिंग पद बना लिए जाते है।
जैसे-
भैंस | भैंसा |
भेड़ | भेड़ा |
मौसी | मौसा |
जीजी | जीजा |
विशेष
- जिन पदों पर साधारणतया पुरुष वर्ग ही आसीन होता है, उसके सूचक संज्ञा पदों को पुल्लिंग ही माना जाता है, चाहे उन पर स्त्रियाँ ही आसीन क्यों ना हो।
उदाहरण- राष्ट्रपति, राज्यपाल, मंत्री, जिलाधिकारी, सिपाही, पटवारी आदि।
- जाति, उपजाति, देश, देशवासी, सागर, वार और ग्रह के सूचक शब्द पुल्लिंग होते है।
जाति- ब्राह्मण, क्षत्रिय, वेश्य, शुद्र, हिन्दू, मुस्लमान, इसाई आदि।
उपजाति- मिश्र, पांडेय, कायस्थ, खन्ना, कपूर, अग्रवाल आदि।
देश- भारत, जापान, चीन, रूस, अमेरिका आदि।
देशवासी- भारतीय, चीनी, जापानी, रुसी, आदि।
सागर- हिन्द, प्रशांत, लाल, काला, भूमध्य आदि।
वार- सोमवार, मंगलवार, बुधवार आदि।
ग्रह- सूर्य, शनि, वरुण ग्रह आदि।
- पृथ्वी, तिथि, राशि, नदी और भाषा के सूचक शब्द स्त्रीलिंग होते है।
पृथ्वी- धरती, मही, वसुंधरा।
तिथि- पारिवा, दौज, तीज, चौथ, अमावस्या,पूर्णिमा।
राशि- कुम्भ, मीन, तुला, सिंह।
नदी- गंगा, यमुना, कावेरी, गोदावरी।
भाषा- हिन्दी, अंग्रेजी, उर्दू, मराठी, गुजरती।
- अंग्वाचक शब्द व्यवहार के अनुसार कुछ पुल्लिंग और कुछ स्त्रीलिंग मने जाते है।
जैसे-
पुल्लिंग– हाथ, पैर, मस्तक, सिर, बाल, पेट, घुटना, पलक, होठ, दाँत, कंठ, गला, पंजा,अंगूठा, नाख़ून।
स्त्रीलिंग– नाक, आँख, जीभ, छाती, पीठ, जांघ, गुदा, एड़ी, हथेली, कुहनी, टांग, कमर, उँगली, कलाई।
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